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कॉल दुबई में ज़म ज़म से आता था और कॉल प्राप्त होते ही खाता शेष राशि साफ हो जाती थी! इस तरह रायबरेली पुलिस ने द सीक्रेट का खुलासा किया

आखरी अपडेट:

Raebareli News: रायबरेली के अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी पकड़े गए. सभी आरोपी फ्रिज खातों को डिफ्रीज कराने आए थे.इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली. तो रायबरेली की साइबर सेल पुलिस ने तुरंत सभी…और पढ़ें

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डीह पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी

रायबरेलीः उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में पुलिस ने साइबर अपराध गैंग से जुड़े तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए तीनों लोग यहां की साइबर सेल के माध्यम से फ्रीज कराये गए खातों को डिफ्रीज कराने आये थे. पकड़े गए लोगों में मथाई अजागन व जावेद जलाल चेन्नई के रहने वाले हैं. जबकि दिलशाद आलम सीवान का है. बीते 9 अप्रैल को साइबर अपराध के एक गैंग को डीह पुलिस ने पकड़ा था, जो बिहार, बंगाल व चेन्नई के खातों में साइबर फ्राड का पैसा सीडीएमए से भेजता था. उसी समय पुलिस ने चेन्नई समेत अन्य राज्यों के पांच खाते सीज किये थे. उन्हीं फ्रीज़ खातों में से चेन्नई के खाते को डिफ्रीज़ कराने यह तीनों आये थे. बीते नौ अप्रैल को जब पुलिस ने इस गैंग को पकड़ा था. तभी खुलासा करते पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने साइबर अपराधियों से पूछताछ के बाद इनके फ़्रॉड का जो तारीका बताया था, वो हैरान कर देने वाला था.

आईफोन दिलाने के नाम पर करते थे फ्रॉड

यह लोग दुबई की ज़मज़म इलेक्ट्रॉनिक्स वाले छोटे भाई और बड़े भाई की तरफ से कॉल करके शिकार से उसके नाम आईफोन निकालने का झांसा देते थे. फिर शिकार को बातों में उलझाकर उससे कस्टम या फिर कूरियर चार्ज के नाम पर खातों में पैसा डलवाते थे. अलग-अलग लोगों से अलग खातों में ठगी का पैसा डलवाने के बाद यह लोग इन पैसों को निकालकर एटीएम की सीडीएमए मशीन के जरिये बिहार बंगाल और झारखण्ड और चेन्नई से ऑपरेट होने वाले खातों में ट्रांसफर कर देते थे. इस तरह सीडीएमए मशीन से ट्रांसफर ब्लैक पैसा व्हाइट हो जाता था.

यह साइबर अपराधी शायद कभी पकड़ में ही न आते अगर डीह थाना इलाके के एक व्यक्ति ने अपने खाते में हुए फ्राड की शिकायत न की होती. दरअसल, डीह पुलिस ने इस मामले को साइबर थाने में ट्रांसफर कर दिया. यहां साइबर थाना प्रभारी अजय सिंह तोमर जब इस मामले की तहकीकात कर रहे थे. तब कई खाते उनके सामने ऐसे आये, जिनके रजिस्टर्ड नम्बर को कोई दूसरा ऑपरेटर कर रहा था. अजय सिंह तोमर ने दूसरों के खातों को ऑपरेट करने वाले ऐसे चार युवकों को उठाया तो उनसे पूछताछ में इस मामले के तार अंतर्राजीय सामने आये.

50 हजार के बदले 700 का कमीशन

दरअसल गिरफ्तार किये युवकों में से एक अजय पाण्डेय 2018 में दुबई गया था. वहां कुछ दिन काम करने के बाद 2023 में यह फिर दुबई गया तो वहां इसे रहीम नाम का व्यक्ति मिला. रहीम ने अजय से कहा कि वह अपने इलाके में लोगों के खाते खुलवाए. उनमें पैसे आएंगे, जिसके बदले हर पचास हज़ार पर 700 रुपये उसे दिए जायेंगे. अजय ने डीह और नसीराबाद इलाके में कई लोगों के यह कह कर खाते खुलवाए कि सऊदी दुबई में काम करने वालों के पैसे आते हैं. उन बेचारों की मदद हो जायेगी और तुमको भी हर पचास हज़ार पर 7 सौ रुपये मिल जायेंगे.

भोले-भाले लोगों को बनाते थे शिकार

खाते खुलवाते समय यह इस गैंग के मेंबर आधार पैन तो खाताधारक का इस्तेमाल करते थे. जबकि सिग्नेचर और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर अपना देते थे. इस तरह खाता धारक को पता ही नहीं चलता था कि उसके खातों में कहां से रकम आकर कहां जा रही है. उधर यह गैंग इस प्रकार के लगभग दो दर्जन खातों से पैसा निकालता और रहीम के माध्यम से मिले बिहार, बंगाल और झारखंड के खातों में सीडीएमए के माध्यम से ट्रांसफर कर देता था. इसके बदले गैंग को टोटल कारोबार का छह परसेंट मिलता था. पुलिस ने उसी समय डीह इलाके के पांच साइबर अपराधियों को जेल भेज कर पांच खाते सीज़ किये थे.

फ्रीज खाते डिफ्रिज कराने आए थे आरोपी

लोकल 18 से बात करते हुए रायबरेली के अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी पकड़े गए. सभी आरोपी फ्रिज खातों को डिफ्रीज कराने आए थे.इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली. तो रायबरेली की साइबर सेल पुलिस ने तुरंत सभी को गिरफ्तार कर लिया.

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Prashant Rai

प्रशांत राय एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो मीडिया उद्योग में सात साल से अधिक के व्यापक अनुभव के साथ हैं। ईटीवी भरत, अमर उजाला, ए …और पढ़ें

प्रशांत राय एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो मीडिया उद्योग में सात साल से अधिक के व्यापक अनुभव के साथ हैं। ईटीवी भरत, अमर उजाला, ए … और पढ़ें

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दुबई के जमजम से आता था कॉल, रिसीव करते ही खाते का बैलेंस हो जाता था साफ!

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