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कभी भगवान की प्रिय, आज इंसानों का जमावड़ा, ये जगह निराली, इसका कण-कण जादुई

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Chitrakoot News : ये जगह अनोखी है. कभी भगवान राम की प्रिय थी, आज इंसानों की फेवरेट है. यहां राम विवाह, वनवास, रावण वध और अयोध्या वापसी सब एक ही जगह मिल जाएगा. एक रामभक्त को और क्या चाहिए.

चित्रकूट. धर्मनगरी चित्रकूट न केवल आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है, बल्कि यह प्रभु श्रीराम की तपोस्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है. वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष प्रभु श्रीराम ने यहीं बिताए थे, जिससे चित्रकूट और प्रभु श्रीराम का अटूट नाता बन गया. इसी पवित्र नगरी में एक अनोखा मंदिर भी है, जो न सिर्फ भक्ति का केंद्र है, बल्कि रामकथा के चलचित्रीय दर्शन का भी जरिया है. यह मंदिर तुलसी पीठ के पास है, जिसे मानस दर्शन मंदिर के नाम से जानते हैं. इस मंदिर का निर्माण पद्मविभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ने करवाया है. मंदिर में भगवान श्रीराम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को चलचित्र के रूप में पेश किया गया है. यहां आने वाले श्रद्धालु एक ही स्थान पर श्रीराम विवाह, वनवास, रावण वध, अयोध्या वापसी सहित कई प्रसंगों का भावपूर्ण दृश्य रूप में दर्शन कर सकते हैं.

हैरान कर देगी वास्तुकला

मानस दर्शन मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं. विशेष रूप से स्कूलों के बच्चे, परिवार और पर्यटक यहां पहुंचकर न सिर्फ प्रभु श्रीराम के दर्शन करते हैं, बल्कि उनकी लीलाओं को चलचित्रों के माध्यम से जीवंत अनुभव भी करते हैं. यह मंदिर गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के आधार पर बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक प्रसंग को प्रभावशाली तकनीक और श्रद्धा के साथ उकेरा गया है.

कैसे पहुंचे यहां

मानस दर्शन मंदिर चित्रकूट रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर दूर तुलसी पीठ के पास है. चित्रकूट रेलवे स्टेशन से श्रद्धालु आसानी से ऑटो या टैक्सी से यहां पहुंच सकते हैं. मंदिर परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह पर्यावरण की शांति के बीच स्थित है. मंदिर से जुड़े रामानंद बागी बताते हैं कि यह प्रयास न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता के लिए भी किया गया है. हमारा उद्देश्य है कि बच्चे-बूढ़े सभी प्रभु श्रीराम के जीवन प्रसंगों को समझें और रामायण को आत्मसात करें. चित्रकूट मानस दर्शन मंदिर निश्चित ही एक ऐसा स्थल है, जो भक्ति संस्कृति और आधुनिक प्रस्तुति का अद्भुत संगम है, यहां एक बार आने वाला श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के प्रेम में डूबे बिना नहीं रह सकता.

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कभी भगवान की प्रिय, आज इंसानों का डेरा, ये जगह निराली, कण-कण जादुई

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