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एलन मस्क के बाद जेफ बेजोस भी लाना चाहते हैं भारत में सैटेलाइट इंटरनेट, लगा रहे DoT के चक्‍कर

आखरी अपडेट:

प्रोजेक्ट कुइपर भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए रेगुलेटरी से क्‍ल‍ियरेंस मांग रहा है. कुइपर से पहले, स्टारलिंक की नजर पहले से ही भारतीय बाजार पर है. ऐसा लगता है क‍ि आने वाले कुछ समय में भ…और पढ़ें

जेफ बेजोस भी लाना चाहते हैं भारत में सैटेलाइट इंटरनेट, लगा रहे DoT के चक्‍कर

हाइलाइट्स

  • प्रोजेक्ट कुइपर भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करेगा.
  • कुइपर ने DoT से रेगुलेटरी क्लीयरेंस मांगी है.
  • स्टारलिंक के बाद कुइपर भी भारतीय बाजार में प्रवेश करेगा.

Amazon के सपोर्ट वाला प्रोजेक्ट कुइपर भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की कोश‍िश कर रहा है और इसके ल‍िए वो भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटरी से मंजूरी लेने में लगा हुआ है. इससे पहले स्टारलिंक भी भारतीय टेलीकॉम बाजार में एंट्री मार चुका है. ऐसा लगता है क‍ि भारत का टेलीकॉम सेक्‍टर हॉट केक बन गया है. हर टेलीकॉम कंपनी इस केक को खाना चाहती है. ये बात तय है क‍ि जल्‍द ही भारतीय टेलीकॉम सेक्‍टर में प्रतिद्वंद्विता और बढ़ने वाली है. यहां अपनी सेवा शुरू करने के ल‍िए कंपनी ने हाल ही में दूरसंचार विभाग (DoT) से संपर्क किया है. दरअसल, कंपनी ये जानना चाहती है क‍ि प्रोजेक्‍ट कुइपर यहां शुरू करने के ल‍िए आशय पत्र (LoI) म‍िलने में क‍ितना वक्‍त लगेगा.

आपको बता दें क‍ि कुइपर का आवेदन स्टारलिंक को दिए गए LoI से पहले का है. ETTelecom के अनुसार, स्टारलिंक की तरह, कुइपर भी भारत में सैटेलाइट कम्‍युन‍िकेशन स‍िस्‍टम स्थापित करना चाहता है, जिसके लिए वो मुंबई और चेन्नई में 10 गेटवे स्टेशन और दो प्रमुख बिंदु बनाने की योजना बना रहा है.

कई कंपन‍ियों को म‍िलेगी टक्‍कर

इसमें कोई दो राय नहीं क‍ि प्रोजेक्ट कुइपर यकीनन अमेजन का सबसे महत्वपूर्ण वेंचर है, जो सीधे स्टारलिंक को टक्‍कर देता है. इसके साथ-साथ AT&T और T-मोबाइल जैसी अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार दिग्गजों के साथ भी वो प्रतिस्पर्धा करता है. इस सेवा को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में विपणन किया जाता है जहां इंटरनेट की पहुंच सीमित है.



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