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इंसानों से ज्यादा बेजुबानों से इतनी मोहब्बत, घर को ही बना दिया मिनी चिड़ियाघर…

आखरी अपडेट:

UP News: चंदन पांडे अमेठी जिले के रहने वाले हैं. चंदन पांडे का शौक बचपन से ही बेजुबानों के प्रति उनकी मदद करना था. धीरे-धीरे बेजुबानों से इनकी दोस्ती एक अटूट बंधन की तरह होती गई.

हाइलाइट्स

  • चंदन पांडे ने घर को मिनी चिड़ियाघर बना दिया.
  • बचपन से ही चंदन को बेजुबानों की मदद का शौक है.
  • चंदन अपने पैसों से बेजुबानों का ध्यान रखते हैं.

अमेठी: आज के समय में जहां इंसान इंसान को धोखा दे रहा है और छलावा कर रहा है. वहीं, आज के इस अनोखे दौर में एक ऐसे शख्स की हम बात कर रहे हैं, जिसकी इंसानों से ज्यादा बेजुबानों से दोस्ती है. बेजुबान उसे अपने दोस्त की तरह मानते हैं और उसके साथ रहना पसंद भी करते हैं. बेजुबानों की कठिन परिस्थिति में मदद कर इस शख्स ने इस दोस्ती की मिसाल को कायम किया है और आज हजारों बेजुबानों का यह सहारा भी बने हैं.

हम बात कर रहे हैं अमेठी जिले के रहने वाले चंदन की. चंदन पांडे अमेठी जिले के रहने वाले हैं. चंदन पांडे का शौक बचपन से ही बेजुबानों के प्रति उनकी मदद करना था. धीरे-धीरे बेजुबानों से इनकी दोस्ती एक अटूट बंधन की तरह होती गई. करीब 10-12 वर्षों से चंदन बेजुबान पक्षी-पशु का ध्यान रखते हैं. खाने पीने से लेकर उसके रहने तक का इंतजाम चंदन अपने पैसों से करते हैं, जिसकी वजह से आज उनके पास बेजुबान रहना पसंद करते हैं.

चंदन ने जीव जंतु और बेजुबानों को कोई समस्या ना हो, इसके लिए घर पर ही पीने के लिए पानी के बर्तन, खाने के बर्तन और खाने का इंतजाम किया है. इससे बेजुबान वहां आराम से आते हैं. खाते-पीते हैं और प्रकृति का आनंद लेते हैं.

बचपन से चंदन को है शौक
चंदन पांडे ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उन्हें बचपन से इन सब कामों का शौक है. जो लोग बोल पाते हैं उनकी मदद तो हर कोई कर देता है, लेकिन बेजुबानों की मदद के लिए कोई आगे नहीं आता. इसलिए उन्हें लगा कि उनकी मदद उन्हें करनी चाहिए. जिसके बाद से बचपन से ही वह इस काम को कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह सुबह उठते हैं तो पहला काम बेजुबानों के लिए बर्तन में पानी भरना, उनके लिए खाना पकाकर तैयार करना, फिर उसे खाने के बर्तन तक पहुंचाना, घायल अवस्था में बेजुबानों का उपचार करना यह सब उनका नियमित क्रियाकलाप है.

अपने घर के कामों के साथ-साथ ये काम को पूरी लगन से करते हैं. उन्होंने कहा कि बेजुबानों की हमेशा मदद करना चाहिए. प्रकृति और बेजुबानों से हमेशा मोहब्बत कर उनका भी अपनी तरह ध्यान रखना चाहिए. हमारी प्रकृति से सुरक्षित रहेगी और हमें एक सुंदर वातावरण मिलेगा.

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इंसानों से ज्यादा बेजुबानों से इतनी मोहब्बत, घर को ही बना दिया मिनी चिड़ियाघर

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