आखिर कौन हैं नंगे पांव घूमने वालीं बालिया की ये डॉक्टर, 75 की उम्र में एक भी बीमारी नहीं, जानें सीक्रेट

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Ballia News : डॉ. स्वस्तिक पांडेय, बलिया की पूर्व CMS, 75 साल की उम्र में भी स्वस्थ हैं. वे विदेशी सामानों का त्याग और साधारण जीवन जीने में विश्वास रखती हैं. उनके नाना पं. राम अनंत पांडेय बलिया के पहले MLA थे.

नंगे पांव घूमने वाली फेमस महिला…
बलिया. इस महिला की कहानी आपको हैरानी में डाल सकती है. दिखने में बिल्कुल साधारण सी ये महिला बलिया की पूर्व CMS रह चुकी हैं. विदेशी सामानों का त्याग, साधारण वेशभूषा और नंगे पांव चलना शरीर को रोगों से बचाने का मुख्य कारण बताती हैं. दावा है कि 75 साल की उम्र में भी उनको कोई बीमारी नहीं है. इनके नाना की कहानी भी बलिया के लिए ऐतिहासिक है. लोकल 18 से बातचीत में वे कहती हैं कि उनका कोई विशेष परिचय नहीं है. उन्होंने अपना नाम डॉ. स्वस्तिक पांडेय बताया. इनके जीवन जीने का तरीका भी बिल्कुल अलग है. डॉ. स्वस्तिक बलिया की रहने वाली हैं. बलिया के साथ गोरखपुर और गाजीपुर में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं.
नाना थे बलिया के पहले MLA
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वस्तिक पांडेय जिला महिला चिकित्सालय बलिया में CMS रह चुकी हैं. उनके पति डॉ. एसएन पांडेय फेमस फिजिशियन रह चुके हैं. इनके नाना पं. राम अनंत पांडेय एक ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिनको देखते ही गोली मारने का आदेश था. जब आजादी मिली तो राम अनंत बलिया के पहले MLA बने. डॉ. स्वस्तिका पांडेय का बेटा लखनऊ में प्रिंसिपल है और बेटी रेडियोलॉजिस्ट है. डॉक्टर स्वस्तिका को बिल्कुल साधारण जीवन जीना पसंद है. प्रगति के नाम पर जिस सामान का बहुत ज्यादा प्रयोग हो रहा है, उसका हानि उन्होंने देखा है. उन्होंने महसूस किया है कि अंततः शरीर इम्यूनिटी विहीन हो जाता है, किसी रोग से लड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है. वे फ्रिज को बीमारी की अलमारी कहती हैं. एक भी विदेशी सामान का उपयोग नहीं करती हैं.
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आरो का पानी और स्लिपर का त्याग
डॉ. स्वस्तिक पांडेय के अनुसार, वे आरो का पानी नहीं पीती हैं. नल के पानी को छान कर मिट्टी के बर्तन में रख देती हैं. देसी गाय के गोएठे (उपले) की राख 5 चम्मच एक पोटली में बांधकर मटके में डाल देती हैं. इसके कारण पानी मिनिरल से भर जाता है. आज भी मरीजों का उपचार करती हैं. एक्वा प्रेशर का फायदा उठाने के लिए इन्होंने 2 साल से चप्पल पहनना छोड़ दिया है. इससे याददाश्त बढ़ने के साथ इंसान एक्टिव रहता है.