अलादीन के चिराग से कम नहीं है सहारनपुर में मिट्टी से बना यह जादुई चिराग, खासियत इतनी की दूर-दूर तक है डिमांड

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Saharanpur News: जादुई चिराग की खास बात यह है कि इस चिराग के अंदर इसकी तली यानी कि निचले हिस्से से इसमें तेल डाला जाता है और जब इस चिराग को सीधा किया जाता है तो तेल वापस नहीं निकलता.

सहारनपुर में तैयार होने वाले इस जादुई चिराग की कई प्रदेशों तक है डिमांड
सहारनपुर: आपने अलादीन की कहानी तो सुनी ही होगी, जिसमें अलादीन चिराग को घिसता है और उसमें से जिन निकल आता है जो कि अलादीन की सभी ख्वाहिशें पूरा करता है. लेकिन आज हम एक ऐसे ही दूसरे जादुई चिराग के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि मिट्टी से तैयार होता है, लेकिन इस चिराग की खास बात यह है कि जहां से इस चिराग के अंदर तेल डाला जाता है वहां से वह तेल वापस नहीं निकल पाता. आप भी यह बात सुनकर थोड़ा हैरान हो रहे होंगे तो चलिए आपको इस चिराग की पूरी कहानी बताते हैं कि आखिर क्यों इसे जादुई चिराग कहा जाता है.
क्या है चिराग की खासियत
सहारनपुर के रहने वाले दीपक प्रजापति जो कि लंबे समय से मिट्टी के विभिन्न प्रकार के बर्तन बनाने का काम करते हैं. दीपक, दीपावली के समय इन जादुई चिराग को बनाते हैं. इन जादुई चिराग को लोग अपने घरों में दीपावली के समय दीपक के रूप में जलाने में इस्तेमाल करते हैं. जादुई चिराग की खास बात यह है कि इस चिराग के अंदर इसकी तली यानी कि निचले हिस्से से इसमें तेल डाला जाता है और जब इस चिराग को सीधा किया जाता है, तो तेल वापस नहीं निकलता. चिराग के अंदर ही वह तेल मौजूद होता है, जिसको ऊपर से बने एक छोटे होल से बत्ती लगाकर उस चिराग को जलाया जाता है. इन जादुई चिराग को स्पेशल ऑर्डर पर तैयार किया जाता है और सहारनपुर में तैयार होने वाला यह जादुई चिराग कई प्रदेशों तक खूब बिकता है.
कैसे होता है तैयार
दीपक प्रजापति ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वह 10 साल की उम्र से मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते आ रहे हैं. उनसे पहले उनके बड़े इस काम को किया करते थे और धीरे-धीरे पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने इस मिट्टी के काम को अपने बड़ों से सीखा और आज वह भी विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तन तैयार कर कोई प्रदेशों तक सेल यानी बेचते हैं. लेकिन उन सभी मिट्टी के बर्तनों में से सबसे अलग है जादुई चिराग. चिराग को चिकनी मिट्टी से स्पेशल ऑर्डर पर तैयार किया जाता है. इस चिराग कुछ इस तरीके से डिजाइन किया जाता है जिससे कि इस चिराग में नीचे की ओर से इसमें तेल डाला जाता है और फिर इस चिराग को सीधा कर दिया जाता है. खास बात यह है कि इस चिराग से तेल वापस नहीं निकलता. लोग इस जादुई चिराग का इस्तेमाल अपने घर में दीपक की तरह जलाने में करते हैं.
क्या होती है कीमत
दीपक बताते हैं कि दिवाली के समय पर इस जादुई चिराग की डिमांड काफी अधिक बढ़ जाती है, जबकि एक चिराग को तैयार करने के लिए 5 मिनट का समय लगता है. उसके बाद उस चिराग की फिनिशिंग होने के बाद उसको पकाया जाता है और फिर वह अलादीन के चिराग की तरह ही दिखाई देता है. डिमांड की अगर बात करें तो हरिद्वार, देहरादून, हरियाणा, हिमाचल और यूपी के कई जनपदों से आती है. चिराग की कीमत की बात करें तो होलसेल में ₹35 का चिराग बिकता है जो की मार्केट में ₹100 से लेकर डेढ़ सौ रुपए तक लोगों को उपलब्ध हो पता है.