अपराधियों की अब खैर नहीं! आजमगढ़ के गांवों में बनेंगी 15 नई पुलिस चौकियां, बढ़ेगी दबिश, घटेगा जुर्म

आजमगढ़: आजमगढ़ जिले में अपराध पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. खासकर ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए अब पुलिस की रणनीति में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने फैसला लिया है कि 12 थानों के अंतर्गत कुल 15 नई पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी, ताकि गांवों तक भी कानून का डंडा सही समय पर पहुंच सके.
ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन चोरी, लूट, मारपीट जैसे अपराध सामने आते हैं, लेकिन थानों से दूरी ज्यादा होने की वजह से मौके पर पुलिस को पहुंचने में देर हो जाती है. अब इन समस्याओं को खत्म करने के लिए ऐसे इलाकों को चिन्हित किया गया है, जहां थाने की दूरी ज्यादा है और पुलिस की तत्काल मौजूदगी जरूरी है. इन जगहों पर नई पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी ताकि मौके पर तुरंत कार्रवाई हो सके.
इन इलाकों में बनेंगी चौकियां
जिले के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के राजदेपुर और मुबारकपुर रोड तिराहा, बिलरियागंज के पटवत सरैया, महाराजगंज के नौबरार जदीद, रौनापार के हाजीपुर, अतरौलिया के लोहार, आतरैठ, बढ़या, अहरौला के बसाही, कप्तानगंज के बड़सरा खालसा, तहबरपुर के तिराहा, फूलपुर के खंजहापुर, पवई के मिल्कीपुर अंडरपास, सरायमीर के नंदावा और दीदारगंज के पलथी बाजार में नई पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी.
आजमगढ़ जिले की आबादी करीब 50 लाख है लेकिन पुलिस व्यवस्था के लिए केवल 25 थाने हैं. ऐसे में हर थाने के अंतर्गत आने वाले गांवों की निगरानी कर पाना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. नई चौकियों से उम्मीद है कि न सिर्फ अपराध पर अंकुश लगेगा, बल्कि छोटे-मोटे विवादों को भी समय रहते हल किया जा सकेगा.
आजमगढ़ पुलिस ने इस पूरे अभियान को “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत शुरू किया है. इसके तहत अपराध के प्रति किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी. नई चौकियों पर पुलिसकर्मियों के साथ इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी भी तैनात किए जाएंगे, ताकि निगरानी मजबूत हो सके.
यह नई पहल आजमगढ़ जिले को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है. पुलिस की इस तैयारी से जहां आमजन को राहत मिलेगी, वहीं अपराधियों के मन में डर पैदा होगा.