बाढ़ वाले इलाके में लगा दें धान की ये किस्म, किसान कर सकेंगे लाखों की कमाई, नहीं होगा नुकसान

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Agriculture News: लखीमपुर जिले में शारदा व घाघरा नदी के कारण किसानो की धान की फसल बर्बाद हो जाती है ऐसे में वहां के लिए धान की यह किस्म बेहद फायदे वाली है. स्वर्णा सब-1 सांभा सब- 1 धान की ये किस्म में 140 से 145 दिन में तैयार हो जाती हैं. यह 40 से 45 कुंतल उत्पादन मिल जाता है.

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में किसान बड़े पैमाने पर धान की खेती करते हैं. धान की खेती कर किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता है परंतु लखीमपुर जनपद में सबसे अधिक समस्या बढ़ की रहती है. बाढ़ के कारण किसानों की धान की फसल बर्बाद हो जाती है.

अगर आप भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं लेकिन अब किसानों को बाढ़ से होने वाली फसलों के नुकसान की चिंता करने की जरूरत नहीं है. अब बाढ़ वाले क्षेत्र में इन धान की किस्म की बुवाई कर अच्छी फसल ले सकते हैं. सब-1 धान की फसल दो हफ्तों तक पानी में डूब जाने के बावजूद भी खराब नहीं होती है

हालांकि एक हफ्ते तक लागातार पानी में डूबे रहने के बाद इसकी पत्तियो का रंग बदल जाता हैं. फिर भी फसल को नुकसान नहीं पहुंचता है.

लखीमपुर जिले में शारदा व घाघरा नदी के कारण किसानो की धान की फसल बर्बाद हो जाती है ऐसे में वहां के लिए धान की यह किस्म बेहद फायदे वाली है. स्वर्णा सब-1 सांभा सब- 1 धान की ये किस्म में 140 से 145 दिन में तैयार हो जाती हैं

40 से 45 कुंतल उत्पादन मिल जाता है. बारिश से जब जल भराव हो जाता है और खेत तालाब में तब्दील हो जाता है, ऐसी स्थिति में स्वर्णा सब-1 फसल खराब नहीं होती है

सांभा सब- 1 भी बहुत अच्छी किस्म है. यह भी उतने ही समय में तैयार हो जाती है और 45 से 50 कुंतल उत्पादन इससे मिल जाता है. इसमें भी वही गुण है, जो स्वर्णा सब-1 में है. यह भी प्रजाति बहुत अच्छी है